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Ambedkar aur Hindutva Rajneeti (Hindi)

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अम्बेडकर और हिंदुत्व राजनीति
लेखक : राम पुनियान
पुस्तक के बारे में : “अगर हिन्दू राज स्थापित हो जाता है तो निःसंदेह वह इस देश के लिए एक बहुत बड़ी आपदा होगी। हिन्दू चाहे कुछ भी कहें, हिन्दू धर्म स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए ख़तरा है। इसी कारण वह लोकतंत्र के साथ असंगत है। हिन्दू राज को किसी भी क़ीमत पर रोका जाना चाहिए।” बी.आर. अम्बेडकर, पाकिस्तान ऑर द पार्टीशन ऑफ़ इंडिया, महाराष्ट्र सरकार, बम्बई, 1990 (1946 के संस्करण का पुनर्मुद्रित संस्करण), पृष्ठ 358
भाजपा-आरएसएस के केंद्र में सत्ता में आने के बाद से, हिंदुत्व की राजनीति और आक्रामक हो गयी है. यह राजनीति हिन्दू राष्ट्रवाद पर आधारित है, उस भारतीय राष्ट्रवाद पर नहीं, जिसकी परिकल्पना हमारे स्वाधीनता आन्दोलन के नेताओं और हमारे संविधान के निर्माताओं ने की थी.
हिन्दू राष्ट्रवाद, जातिगत पदक्रम को नये रूपों में बनाए रखना चाहता है और इसके लिए आरएसएस और उसके साथी संगठन कई रणनीतियां अपना रहे हैं. एक ओर वे बाबासाहेब अम्बेडकर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं तो दूसरी ओर “हमारी गौरवशाली परंपरा” के नाम पर जातिगत असमानता के मूल्यों को बढ़ावा दे रहे हैं. आरएसएस, सामाजिक समरसता मंच जैसे संगठनों को स्थापित कर, दलितों को ब्राह्मणवादी ख़ेमे में शामिल करने की कोशिश भी कर रहा है.
यह पुस्तक, आरएसएस की राजनीति से उपजे मुद्दों और दलितों के सामाजिक न्याय और समानता पाने की आकांक्षा को कुचलने के संघ के प्रयासों की पड़ताल करती है. बाबासाहेब की लेखनी के आधार पर यह पुस्तक बताती है कि आरएसएस-हिंदुत्व राजनीति, अम्बेडकर की विचारधारा और दलितों की मुक्ति की धुर विरोधी है.

लेखक के बारे में: डॉ राम पुनियानी ने सामाजिक सद्भाव के लिए पूर्णकालिक कार्य करने हेतु सन 2004 में आईआईटी (बॉम्बे) के प्राध्यापक पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. वे पिछले दो दशकों से मानवाधिकारों की रक्षा से सम्बद्ध गतिविधियों में संलग्न हैं. वे अनेक धर्मनिरपेक्ष व लोकतान्त्रिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं. तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक, डॉ पुनियानी एक प्रभावी वक्ता हैं.

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SKU: PHM-028
Category:

Prof. Ram Puniyani, a former professor of IIT (Mumbai), took voluntary retirement in 2004 to work full time on communal harmony. He has been involved in human rights activities for the last two decades. He is associated with various secular and democratic initiatives. He has written more than three dozen books and is a very effective public speaker.

Additional information

Weight 0.08 kg
Dimensions 8.5 × 5.5 × 0.2 cm
ISBN 10

8172210833

ISBN 13

9788172210830

Author/s

Ram Puniyani

Publish Year

2018

Pages

60

Language

Hindi

Binding Type

PaperBack

Publisher

Pharos Media & Publishing Pvt Ltd

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